Home सिरसा मंडी डबवाली बाबा समाधा वाला गौशाला गंगा में श्री धेनू मानस गौ कथा का दूसरा दिन

बाबा समाधा वाला गौशाला गंगा में श्री धेनू मानस गौ कथा का दूसरा दिन

बाबा समाधा वाला गौशाला गंगा में श्री धेनू मानस गौ कथा का दूसरा दिन
-आज के समय में समाज को पुन: गौसंवर्धन की ओर लौटना होगा: आचार्य विश्वात्मानंद जी
डबवाली
बाबा समाधा वाला गौशाला गंगा में श्री धेनू मानस गौ कथा के द्वितीय दिवस की कथा में ब्रह्मलीन गौ ऋषि स्वामी राजेंद्रानंद जी महाराज के बिश्नोई आश्रम हरिद्वार से पधारे परम शिष्य आचार्य विश्वात्मानंद जी ने गौसेवा की विस्तृत जानकारी से कथा शुरू की। उन्होंने गौमाता के महत्व, गौसेवा के पुण्य और सनातन संस्कृति में गोधन के योगदान पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि गऊ माता में 33 कोटि देवी देवताओं का वास होता है, इस नश्वर संसार में रहते हुए अनेकों जरूरतें होती है और गऊ सेवा से सब चीजों की पूर्ति होती है। माता लक्ष्मी जी की, कुबेर जी व किसी भी देवी देवता की जरूरत है तो गौसेवा सब कुछ मिलता है। अनेकों महापुरुषों के दर्शन होते हैं। भगवान श्री कृष्ण गोपालक थेे एवं उन्होंने गऊ चराई थी। श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान ने भी 27 वर्ष तक गो चारण किया था। स्वामी जी ने कहा कि आज के समय में समाज को पुन: गौसंवर्धन की ओर लौटना होगा, क्योंकि गाय की सेवा से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष-चारों पुरुषार्थों की प्राप्ति सहज ही हो जाती है। कथा के दौरान भक्तों को श्री धेनु मानस के कुछ विशेष प्रसंगों का श्रवण कराया गया। कहा कि, गौशालाएं केवल गौमाता की रक्षा का ही नहीं, बल्कि समाज में संस्कार और संस्कृति बचाने का भी केंद्र बन सकती हैं।
नामदेव जी की कथा सुनाते हुए स्वामी गोविन्द सरणानंद जी ने  भक्त नामदेव जी पर एक भजन-‘पत्ते पत्ते मे झांकी है भगवान की, किसी सूझ वाली आंख ने पहचान की’ सुनाया। शिक्षाप्रद ज्ञान देते हुए उन्होंने बताया कि ‘अडसठ तीर्थ एक सौभाग्यगत घर आये आदरियो जीव न, अर्थात घर आया व्यक्ति एक सम्मान अग्नि साथ लिए चलता है। उस अग्नि को शांत करने के लिए घर आए हुए मेहमान का सम्मान करना चाहिए। स्वामी अमृतानंद जी, आचार्य संदीप जी डारा, आचार्य मोहित जी ने भी भजन कीर्तन किया। कथा स्थल पर प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था की गई थी, जिसमें सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य अर्जित किया। आयोजकों ने बताया कि 22 सितम्बर तक कथा चलेगी, 23 सितम्बर को विशाल हवन व भण्डारा होगा।
बिश्नोई सभा डबवाली की तरफ से गौशाला में 5100 रुपये का दान दिया गया। सभा सचिव इन्द्रजीत बिश्नोई ने आयोजन समिति का धन्यवाद किया। इस मौके पर सभा सदस्य  सुरेन्द्र कुमार गोदारा, जीतराम पूनिया,रामकुमार तरड़, सतपाल गोदारा, भगवानाराम पूनिया, सतपाल सीगड, बलवीर थालोड, नरेंद्र कुमार भादू,गंगा गांव व आसपास गांवों  से भारी संख्या में महिला पुरुषों ने कथा में पहुंच कर कथा श्रवण की। संदीप कुमार गोदारा ने मंच संचालन बखूबी से किया। गंगा गांव के पूर्व सरपंच किशोरी लाल सीगड ने मेहमानों का स्वागत किया। 

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